1. Registred under I.T Government of India.
2. NITI – Aayog, Government of India.
3. MSME (Udyog Aadhar), Government of India.
4. All India First Aid Council

• CMS&ED डिप्लोमा कोर्स की अवधि –

CMS&ED डिप्लोमा कोर्स की अवधि 24 माह यानि 2 वर्ष की होती है। Community Medical Service (1.5 Year) & Essential Drugs (6th Month) Complete 24 Month

CMS&ED डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज –

  • हाई-स्कूल का अंकपत्र व प्रमाण-पत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति जमा करें।
  • आधार कार्ड की फोटोकाँपी जमा करें। (स्वप्रमाणित छायाप्रति)
  • पासपोर्ट साइज की दो कलर फोटो जमा करें।

• CMS & Ed डिप्लोमा धारक को (C.M.O.) मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता है या नही ?

CMS & Ed डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कराकर ग्रामीण क्षेत्र में W.H.O. (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा निर्धारित 42 एलोपैथिक दवाइयों का उपयोग करते हुए प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।

CMS&ED डिप्लोमा कोर्स करने के लिए योग्यता –

CMS&ED कोर्स करने के लिए छात्र को हाईस्कूल पास होना चाहिए। यदि आप सांइस स्ट्रीम (जीव विज्ञान) से 12वी पास कियें हैं तो आपके लिए ज्यादा फायदेंमंद होता हैं।

• क्या हम CMS&ED डिप्लोमा कोर्स करने के बाद अपने नाम के साथ डाँक्टर लिख सकतें हैं ?

CMS&ED कोर्स एक डिप्लोमा कोर्स है। इस कोर्स को करने के बाद आपको डिप्लोमा सर्टिफिकेट दिया जाता है। CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने नाम के आगे डाँक्टर नही लिख सकता है,

• CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने नाम के साथ क्या लिख सकता है?

CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने नाम के साथ प्राथमिक उपचारक (First Aid Provider) लिख सकता है।

• CMS & Ed डिप्लोमा धारक को (C.M.O.) मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता है या नही ?

CMS & Ed डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कराकर ग्रामीण क्षेत्र में W.H.O. (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा निर्धारित 42 एलोपैथिक दवाइयों का उपयोग करते हुए प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।

• CMS&ED डिप्लोमा धारक को प्राथमिक उपचार केन्द्र कहाँ संचालित करना चाहिए?

W.H.O (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार CMS&ED डिप्लोमा धारक को देश के ग्रामीण क्षेत्र में एक ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए जहाँ पर स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव हो तथा आवागमन की सुचारु व्यवस्था न हो।

ग्रामीण प्राथमिक उपचार केन्द्र में CMS&ED डिप्लोमा धारक (Rural First Aid Provider) का क्या कार्य है?

CMS&ED डिप्लोमा धारक ग्रामीण प्राथमिक उपचार केन्द्र पर संचारी एवं गैर संचारी बिमारियाँ तथा अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याये जैसें मलेरिया, टायफायड हैजा, कालरा, डायरिया, डिसेन्ट्री, खसरा, चेचक, काली खाँसी, पीलिया, निमोनिया, टी.बी., 

CMS&ED डिप्लोमा धारक (Rural First aid Provider) की ग्रामीण क्षेत्र में प्रमुख भूमिका क्या है?

संचारी रोग जैसे- मलेरिया, टाय़फायड, डायरिया, डिसेन्ट्री, हैजा, चेचक, खसरा, टी.बी.,पेचिस आदि संक्रामक बिमारियों की उचित समय पर पहचान, निदान न हो पाने के कारण महामारी का रुप ले लेती है। ऐसी बिमारियों का प्राथमिक स्तर पर पहचान, निदान, रोकथाम एंव बचाव हेतु कार्य करना जिससे बिमारियों को महामारी का रुप लेने से पहलें ही रोका जा सकें।

क्या CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने प्राथमिक उपचार केन्द्र पर फ्लैक्स बोर्ड लगा सकता है?

जी हाँ CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने प्राथमिक उपचार केन्द्र पर नीचे दिये गये माँडल फ्लैक्स बोर्ड की तरह का साइन बोर्ड लगा सकतें हैं।

क्या CMS&ED डिप्लोमा धारक यूनिफार्म पहन सकता है?

जी हाँ CMS&ED डिप्लोमा धारक नीचे दी गयी लोगो लगी हुई यूनीफार्म पहन सकता हैं। जिससे ग्रामीण प्राथमिक उपचारक के रुप में उसकी पहचान सुनिश्चित हो सकें।